विश्व विरासत स्मारक
ताजमहल (1983), आगरा उत्तर प्रदेश ताजमहल रात्रि दर्शन
भा रतीय इस्लामिक स्थापत्य का चमत्कार ताजमहल मुगल सम्राट शाहजहाॅंँ (1628-1658) में अपनी प्रियसी अर्जुमन्दबानो बेगम उर्फ मुमताज महल की स्मृति में बनवाया था जो सम्राट जहांॅँगीर के वजीर मिर्जा ग्यास बेग की पौत्री एवं नूरजहाँंॅ की भतीजी थी। 1593 ई0 में वह पैदा हुई ओैर 17 जून 1631 ई0 में चैदहवें बच्चे को बुरहानपुर (मध्यप्रदेष) में जन्म देते समय उसकी मृत्यु हुई। उनके पार्थिव शरीर को जैनाबाद (बुरहानपुर) उद्यान में अस्थायी रूप से दफनाया गया और बाद में 11 दिसम्बर 1631 को आगरा स्थानान्तरित कर दिया गया। छः माह के उपरान्त 1631 ई0 में ताजमहल के मुख्य मकबरें में उसको अन्तिम रूप से दफनाया गया। ताजमहल परिसर के निर्माण में 17 वर्ष (1631-48) लगे। सन् 1666 में मुमताज महल की कब्र के बगल में शाहजहाॅंँ की कब्र भी मुख्य मकबरे में बनवाई गयी।
यह मकबरा, यमुना नदी जहाँॅं पूरब की ओर मुड़ती है, के दायीं ओर स्थित है। मूलरूप से ताजमहल आज जहाँॅं स्थित है वह अजमेर (राजस्थान) के कछवाहा राजवंष की संपत्ति थी जिन्हें चार हवेलियों के बदले अधिग्रहीत किया गया था जिसका उल्लेख राजकीय इतिहासकार अब्दुल हमीद लाहौरी ने अपनी पुस्तक 'बादषाहनामा' एवं फरमान में किया है। नदी के किनारें कुँओं की श्रृंखला पर मकबरें का आधार रखा गया है। राजमिस्त्री, संतराष, पच्चीकार, नक्कास चित्रकार, लिपिकार, गुम्बजकार एवं अन्य कलाकारों को सम्पूर्ण साम्राज्य, मध्य एषिया एवं ईरान से बुलवाए गये थे। अंदरूनी भागों का निर्माण स्थानीय निर्मित ईंटों से किया गया जबकि बाहरी भागों को राजस्थान के मकराना से मंगवाए गये श्वेत संगमरमर से किया गया। भारत के विभिन्न क्षेत्रों, श्रीलंका एवं अफगानिस्तान आदि देषों से अर्धमूल्यवान पत्थरों को मंगवाकर पच्चीकारी का कार्य किया गया। लाल बलुआ-पत्थर समीप के फतेहपुर सीकरी एवं धौलपुर क्षेत्र से मंगवाए गये।
ताजमहल, पूर्णरूपेण लगभग 60 बीघे क्षेत्रफल में फैला हेै जो दक्षिण से उत्तर नदी की ओर ढालनुमा चबूतरे के रूप में परिलक्षित है। दक्षिण में प्रांगण के साथ सामने मुख्य प्रवेष द्वार हेै और शाहजहाँंॅ की दो अन्य रानियां क्र्रमषः- अकबराबादी एवं फतेहपुरीबेगम की मकबरा दक्षिण-पूर्वी एवं दक्षिण-पष्चिमी किनारे पर सहेली बुर्ज 1 एवं सहेली बुर्ज 2 के नाम से जाना जाता है।
दूसरे सोपान में विस्तृत फैला वर्गाकार उद्यान है जो साथ के मण्डप में विभक्त चार चतुर्थांष में चैड़े छिछले पानी के नहर के साथ चैड़े पैदल मार्ग एवं किनारे पर सर्रु वृक्ष की पँॅंक्तियां हैं पानी की नहरें और फब्बारें ऊपर बनी पानी की टंकियों द्वारा संचालित होती है। ये चतुर्थांष फिर लघु चतुर्थांष में बॅंँट जाते हैं जिससे पूर्ण योजना 'चारबाग' जैसी दिखती है।
ताजमहल का मुख्य मकबरा सामान्य रूप से तिरछा कोण लिए हुए वर्गाकार है। यहांॅ मीनारें अलग हैं जो मकबरें में मुख्य आधार के तिरछी कोणों की तरफ हैं। इसके पष्चिमी ओर लाल बलुए पत्थर की मस्जिद है और पूर्वी तरफ मेहमान खाना है जो ताजमहल के सौन्दर्य में चार चाँंॅंद लगाता है। ताजमहल में बहुरंगीय पच्चीकारी कला के कुछ अद्भुत नमूने हैं जिसके आँॅंतरिक एवं बाह्य भाग डाडोें, मकबरों एवं संगमरमर के झज्जहरी (जाली) से घिरा है।
सूर्योदय से सूर्यास्तके लिए खुला(शुक्रवार बंद)
शुक्रवार को बंद कर दिया है , दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच मस्जिद में प्रार्थना की पेशकश के लिए खुला है
पूर्णिमा के दिन और दो दिन पहले और यह, शुक्रवार को छोड़कर बाद और रमजान के महीने में देख रहे हैं
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प्रवेश शुल्क: भारत के नागरिक और सार्क (बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, पाकिस्तान, मालदीव और अफगानिस्तान) और बिम्सटेक देशों (बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, थाईलैंड और म्यांमार) के आगंतुकों के लिए -10 रु. प्रति आगंतुक
अन्य:
250 / - रूपये प्रति व्यक्ति (एएसआई);
500 / - टोल टैक्स के रूप में प्रति व्यक्ति (आगरा विकास प्राधिकरण)
500 / - एडीए के टिकट आगरा फोर्ट,एत्मदौल्ला , अकबर का मकबरा, सिकन्दरा और फतेहपुर सीकरी के स्मारकों के लिए मान्य है
(15 साल से मुक्त करने के लिए बच्चों)
ताजमहल परिस़र में प्रतिबंधित वस्तुओं की सूची :
- खाघ पदार्थ
- खिलोने
- ध्रूम/पान/माचिस/गुटखा
- फ्लैग व बैनर
- फूल, फूल माला एवं पूजा सामग्री
- ड्रोन
- माइक व हैडफोन
- हथियार
- विस्फोटक
- रंग-पेन-स्कैच-पेन- पेसिंल
- औजार
- मादक पदार्थ शराब इत्यादि
- धार्मिक पुस्तकें
- ज्वलनशील पदार्थ
- टाॅर्च
- हैलमेट
- बडे़ बैग-ब्रीफकेस
- दरी-चटाई इत्यादि
ताजमहल के बारे में आगंतुकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
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