संग्रहालय
वर्तमान में आगरा मण्डल
के अन्तर्गत एक स्थलीय संग्रहालय ताजमहल परिसर में स्थित है। इसके अलावा फतेहपुर सीकरी में आगरा मण्डल का द्वितीय स्थलीय संग्रहालय फतेहपुर सीकरी में निर्माणधीन है। ताज संग्रहालय के बारे में संक्षिप्त जानकारी निम्नलिखित है।
ताज संग्रहालय
सर्वप्रथम भारत के वायसराय लार्ड कर्जन (1899-1905 ई.) के काल में ताज संग्रहालय की स्थापना ताजमहल के मुख्य प्रवेश द्वार के पश्चिम में स्थित दो षटकोणीय कमरों में की गई थी। कालांतर में खान बहादुर मौलवी जफ़र हुसैन- मानद क्यूरेटर एवं अधीक्षक, पुरातत्व सर्वेक्षण, उत्तरी मण्डल, आगरा, ने इस संग्रहालय को विकसित करने में बहुमूल्य योगदान दिया।
उस समय संग्रहालय में आगरा के किले तथा ताजमहल की प्राचीन निर्माण योजनाओं का प्रारूप, पत्थर के नमूने, जड़ाऊ कार्य में उपयोग होने वाले औजार, कुछ रंगीन चित्र, शाही फरमान, सनद, (भूमि संबंधित अभिलेख/आलेख) आगरा के किले से मिले लेख, ताजमहल निर्माण में प्रयुक्त कीमती पत्थरों के नमूने पुराने चित्रों का संग्रह इत्यादि प्रदर्शित किए गए थे।
वर्तमान ताज संग्रहालय पश्चिमी जलमहल में स्थित है, जो कि ताजमहल परिसर का ही अभिन्न अंग है यह एक दुमंजिला भवन है जो पश्चिमी दीवार के मध्य में एक ऊँचे आसन/मंच पर चतुष्कोणीय छज्जे के रुप में निर्मित है निचला तल संग्रहालय के तौर पर प्रदर्शित किया गया है, जबकि ऊपरी तल का उपयोग संग्रहालय के कार्यालय के तौर पर किया जाता है। वर्तमान में प्रदर्शित पूर्ण विकसित संग्रहालय ने अपना कार्य 18 सितम्बर 1982 से प्रारंभ किया था। संग्रहालय में प्रत्येक विषय को प्रदर्शित करने के लिए विशेष तौर पर दीर्घाऐं विकसित की गई हैं।
संग्रहालय में मुख्य हाॅल के अलावा तीन दीर्घाओं को सम्मिलित किया गया है जिसमें प्रदर्शित अधिकतर सामग्री ताजमहल के निर्माण एवं मुगल काल से संबंधित है। मौटे तौर पर इसमें मुगल लघु चित्र, पांडुलिपियाँ, शाही फरमान, सनद सुलेखन/खुशनबीसी (कुरान की आयतें लिखने की शैली) के नमूने शस्त्र, बरतन, ताजमहल की निर्माण योजनाओं के प्रारूप एवं ताज परिसर के चित्र, पेंटिंग, पच्चीकारी (कीमती पत्थर-रत्न, इत्यादि जड़ना) कार्य, आगरा किले के दो संगमरमर खम्भों के पुरातन अवशेष प्रदर्शित किए गए हैं।
मुख्य हाॅल-चहुल मजलिस (चालीस की सभा) की 1612 ई. की एक दिलचस्प पांडुलिपि भी प्रदर्शित की गई है जिसमें सम्राट शाहजहाँ (1628-1658) के हस्ताक्षर हैं और 4 फरवरी 1628 की तिथि के साथ शाही मुगल मोहर भी लगी हुई है, साथ ही अन्य महत्त्वपूर्ण शाही फरमान (आदेश), दस्तावेज, ब्रिटिश कलाकार डेनियल द्वारा सन् 1795 ई. में तैयार आरेख चित्र भी प्रदर्शन के लिए रखे गए हैं।
ताज संग्रहालय का आंतरिक दृश्य
एक अन्य दिलचस्प जनरल पेरन का आदेश जो मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय के काल का है जो ताजगंज के बगीचे के फलों की नीलामी के विवरण के आंकड़े प्रदर्शित करता है।
शाहजहां के शाही फरमान जिसमें विभिन्न गांवों को दिए गए भूमि अनुदान एवं शेख हातिम को दिए गए अनुदान के वंशानुगत भूमि हक की अनुमोदित करने वाले फरमान भी दीर्घा में प्रदर्शन हेतु रखे गए हैं।
शाहजहाँ के दिनांक 1042 हिज़री (अगस्त 1632 ई.) के फरमान की प्रतिलिपियाँ जो जयपुर (राजस्थान) के राजा जय सिंह को संबोधित करते हुए जारी किया था। इसमें शाही इमारत ताजमहल निर्माण के लिए मकराना (मकराना तहसील, जिला नागौर, राज्य राजस्थान) से मकराना संगमरमर पत्थर की निरंतर आपूर्ति संबंधी निर्देश हैं भी प्रदर्शन के लिए रखी गई है। ताज महल की प्रतिमूर्ति के साथ ही एक विश्व मानचित्र भी प्रदर्शित किया गया है जिसमें ताजमहल निर्माण में प्रयुक्त विभिन्न जड़ाऊ कार्य के लिए कीमती पत्थरों को विश्व के किन-किन स्थानों से लाया गया था चिन्हित किए गए है साथ ही अर्ध कीमती पत्थरों के नमूने भी प्रदर्शित किए गए हैं।
दीर्घा 1- खुशनवीसी (सुलेखन) कला, मिर्जा मुहम्मद सुलेमान (दारा शिकोह के बेटे) और मुहम्मद शाह (शाहजहाँ के दूसरे बेटे) शूजा अब्दुर रशीद दैल्मी, मुहम्मद हुसैन अल कातिब तथा मूलराज जैसे उस काल के सुप्रसि़द्ध खुशनवीसों का कार्य भी प्रदर्शन के लिए रखा गया है। कुछ जेड पत्थर और चीनी मिट्टी की वस्तुए जैसे जेड का नक्काशीदार कुरान रखने को स्टैण्ड, एक अलंकृत लोटा जिस पर जेड की सुन्दर नक्काशी की गई है, पत्थर पर जड़ा दर्पण कलाडान के कटोरे एवं बर्तन जो विषैले खाद्य पदार्थ के सम्पर्क में आने पर रंग बदल लेते थे या टूट जाते हैं, तलवारें, खंजर इत्यादि भी इस दीर्घा में प्रदर्शित किए गए हंै।
दीर्घा 2- सम्राट शाहजहाँ (1628-1658 ई.) और उनकी सबसे प्रिय बेगम मुमताज महल दोनों की हाथी दांत पर उकेरी गई लकड़ी के फ्रेम में जड़े चित्र इस दीर्घा में प्रदर्शित है। प्रसिद्ध फारसी महाकाव्य फिरदौसी रचित शाहनामा का एक अन्य चित्र और सम्राट जहांगीर, शाहजहां एवं अन्य शाही परिजनों के सभी लघु चित्र भी प्रदर्शित किए गए हैं।


शाहजहाँ मुमताज महल
दीर्घा 3- ताजमहल की वास्तुकला की विशेषताओं पर प्रकाश डालती निर्माण योजनाएं और रंगीन चित्राकृतियाँ इस दीर्घा में दिखाई गई हैं। साईट (कार्यस्थल) की योजना, गुम्बद की फ्रण्ट एलिवेशन (अग्रपृष्ठीय उभार) योजना एवं अन्य साइट योजना पर दर्ज विवरण भी प्रदर्शित किए गये हैं। अकबराबाद में ढाले गये सोने एवं चाॅदी के कुछ सिक्के भी इस दीर्घा में प्रदर्शित किए गये हैं।
पर्यटक सूचना | संपर्क |
---|---|
संग्रहालय खुलने का समय प्रातः 9:00 से सायं 5:00 बजे तक सग्रहालय शुक्रवार को बन्द रहता है। प्रवेश:निशुल्क | श्रीमती के0 ए0 कबुई सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद् फोन न0 0562-6543823 ईमेलः [email protected] |