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ताज महल

जहाँगीरी महल (आगरा किला)

आगरा किला

फतेहपुर सीकरी

अकबर का मकबरा (सिकन्दरा)

मरियम का मकबरा

दीवान ए आम

ताज महल सूर्यास्त के समय

अकबर का मकबरा, सिकंदरा

अकबर का मकबरा, सिकन्दरा, उत्तर प्रदेश


मुगल बादशाह अकबर (1556-1605) का मकबरा चारबाग प्रकार के विस्तृत उद्यान के केन्द्र में स्थित है। वर्गाकार योजना का यह मकबरा पाॅंच तल ऊँचा है जिसका प्रत्येकतल क्रमशः छोटा होकर इसे पिरामिडनुमा आकार देता है। प्रथम तल का निर्माण अकबर ने अपने जीवन काल में करवाया था जबकि ऊपरी मंजिलें संभवतः अकबर की मृत्यु के तुरन्त बाद बनवायी गयीं। भूतल पर दक्षिणी भाग के मध्य के अलावा चारों तरफ विहार है। दक्षिणी भाग के मध्य में द्वारमंडप हैं इस द्वारमंडप के नीले आवरण पर सुनहरे अक्षरों में कुरान की आयतें सुन्दर अक्षरों में लिखी हुई हैं। इस द्वार मंडप से एक उतरता हुआ गलियारा अपेक्षाकृत सामान्य तथा सख्त दीवारों वाले स्मारक की ओर जाता है। केवल अकबर की कब्र भवन से चारों ओर से घिरी है तथा यह ईंट तथा चूने के गारे से बनी है। ऊपरी मंजिल को छोड़कर सम्पूर्ण मकबरा लाल बलुआ पत्थर से बना है जबकि ऊपरी मंजिल श्वेत संगमरमर की बनी है। वर्गाकार मंजिलों के चारों तरफ तोरणयुक्त बरामदे तथा छतरियों के समूह लगे हैं। दूसरी मंजिल की छतरियों की छतपिरामिडनुमा संगमरमर से बनी हैं जबकि अन्य के शिखर गुम्बदनुमा हैं। तीसरी तथा चैथी मंजिल के स्तम्भों पर बने मेहराब एक समान रूप से क्रमबद्ध हैं तथा सभी मेहराब स्तम्भों पर बने मेहराब पर टिके हैं। प्रत्येक मेहराब पर बाहर से छतरियाॅं लगी हैं। ऊपरी मंजिल पर वर्गाकार प्रांगण हेै जो ऊपर से खुला है। केन्द्रीय प्रांगण चारों ओर से पतले मेहराबों से घिरे हुए हैं तथा ये कक्षों में विभाजित हैं इन कक्षों की छत प्रस्तर-विन्यासित है। प्रांगण के मध्य में एक वर्गाकार चबूतरा है। इस चबूतरे के ऊपर संगमरमर की समाधि बनी हुई है। इस समाधि पर अरबी शैली के पुष्प नमूने प्रचुरता से उत्कीर्ण हैं। इस स्मारक का वास्तुशिल्प पारम्परिक मुस्लिम मकबरे के वास्तुशिल्प से भिन्न हैं। इसके वास्तुशिल्पीय योजना में गुम्बद का अभाव है जो अनेक छतरियों के ऊपर संगमरमर के गुम्बद के मुस्लिम मत के अधीन कब्र वास्तुशिल्प का आवश्यक तत्व है।

परंपरागत चारबाग नमूने पर आधारित, थोड़े अवनत, इस बाग को चार चतुश्फलकों में बाॅंटा गया है। प्रत्येक चतुश्फलक एक-दूसरे से एक ऊँचे रास्ते से अलग होता है, जिसके बीच में एक छिछली नाली है, जो एक-दूसरे को अलग करती है। यह बाग चारों ओर से एक ऊँचे परकोटे से घिरा है। इस परकोटे के दक्षिणी भाग में अंदर जाने के लिए एक राजसी प्रवेश द्वार है। अन्य दिशाओं में परकोटे में समरूपता दिखाने के लिए छद्म दरवाजे हैं।

उत्तरी प्रवेशद्वार अब व्यवहारिक तौर पर नष्ट हो गया है। योजना में उत्तरी तथा दक्षिणी प्रवेश द्वार लगभग समरूप हैं। इनमें विभिन्न आकार के सतमंजिला भवन समूह हैं। ये कमरे (प्रकोष्ठ) विकर्णवत तथा आयताकार गलियारों की सहायता से आपस में जुड़े हैं। इनके केन्द्र में एक बड़ा ढलानयुक्त द्वारमंडप है। द्वारमंडप के ऊपर एक अर्द्ध-गुम्बद है जिसके दोनों तरफ एक के ऊपर एक कुल दो छोटेे मेहराबदार आले बने हैं। इनके ऊपर सुन्दर छतरियाॅं हैं। भित्ति-स्तंभ के ऊपर लगी छोटी छतरियाॅं अग्रभाग के बाह्य कोण से जुड़ी हुई हैं। दोनों ही प्रवेशद्वार उत्कृष्ट चित्रकला, जड़ाऊ काम, पच्चीकारी तथा सुन्दर नक्काशी से सजे हुए हैं जिन पर हाथी, मोर, हंस तथा अन्य पक्षी, कमल एवं अन्य पारंपरिक व पुष्प नमूने हैं।

दक्षिणी प्रवेशद्वार जो मुख्य प्रवेशद्वार है, आयताकार तथा दो मंजिला है। इसके पूर्वी तथा पश्चिमी अग्रभाग मंे तीन खण्ड तथा एक के ऊपर एक दो गहरे आले हैं। उत्तरी तथा दक्षिणी अग्रभाग समरूप हैं। प्रत्येक के केन्द्र में एक विशालकाय फाटक तथा बगल में एक के ऊपर एक, दो मेहराबदार आले हैं। केन्द्रीय भाग चबूतरे के ऊपर उठा हुआ है तथा इसमें दो छतरियाॅं हैं। सम्पूर्ण बाह्य भाग में रंगीन पत्थरों से उत्कृष्ट नक्काशी तथा पच्चीकारी की हुई है। केन्द्रीय मेहराबदार प्रवेशद्वार पर फारसी भाषा मंे पच्चीकारी की हुई है। प्रवेशद्वार की मुख्य विशेषता चबूतरे के कोनों से उठे हुए चार सुन्दर संगमरमर की मीनारें हैं।

अकबर के मकबरे के दक्षिण-पूर्वी कोने पर एक अन्य सुन्दर स्मारक है जिसे काॅंच महल के नाम से जाना जाता है। यह तिमंजिला भवन जो ईंट, गारा-चूना तथा लाल बलुआ पत्थर से बना है, जहाॅंगीर के द्वारा बनवाया गया कहा जाता है। इस भवन का उत्तरी अग्रभाग अनेक खण्डों में बॅंटा है। प्रत्येक खण्ड के विभिन्न प्रमुख तत्व हैं जिसमें ज्यामितीय तथा पुष्प नमूने, ढलवा दीवारगीर, ढला हुआ लोलक अलंकरण आदि शामिल हैं। खिड़कियों की छत के ऊपर मुख्य रूप से टाइल का प्रयोग किया गया है।

सूर्योदय से सूर्यास्तके लिए खुला
(शुक्रवार बंद)

प्रवेश शुल्क:

भारत के नागरिक और सार्क (बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, पाकिस्तान, मालदीव और अफगानिस्तान) और बिम्सटेक देशों (बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, थाईलैंड और म्यांमार) के आगंतुकों के लिए -10 रु. प्रति आगंतुक
अन्य:
रु. 250 / - रूपये प्रति व्यक्ति (एएसआई);
रु. 500 / - टोल टैक्स के रूप में प्रति व्यक्ति (आगरा विकास प्राधिकरण)
रु. 500 / - एडीए के टिकट आगरा फोर्ट,एत्मदौल्ला , अकबर का मकबरा, सिकन्दरा और फतेहपुर सीकरी के स्मारकों के लिए मान्य है
(15 साल से मुक्त करने के लिए बच्चों)


स्मारक वीथिका


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