मेहताब बाग
मेहताब बाग, आगरा, उत्तर प्रदेश
यमुना नदी के बाँये तट पर ताजमहल के विपरीत दिशा में स्थित बगीचे के परिसर को मेहताब बाग या 'चाँदनी बाग' के नाम से जाना जाता है। पहले यहाँ धरती पर केवल दक्षिणी चाहरदीवारी का एक भाग दक्षिण-पूर्वी बुर्जी ही दिखाई पड़ती थी। परंतु 1996-97 में विभाग द्वारा कराए गए पुरातत्वीय उत्खनन में 25 फब्बारों सहित एक विशाल अष्टभुजीय तालाब, एक छोटा केन्द्रीय कुंड पूर्वी बारादरी के अवशेष तथा उत्तरी प्रवेशद्वार निकला। उत्तरी तथा पूर्वी भाग में बुरी तरह से ध्वस्त चाहरदीवारी का भी पता चला है। यह स्थल काले पत्थर के ताजमहल की दन्तकथा से भी जुड़ा है परन्तु उत्खनन से इसके एक बाग परिसर होने के पर्याप्त प्रमाण मिले है। इस बात की पुष्टि शाहजहाँ को संबोधित औरंगजेब के पत्र से भी होती है जिसमें 1652 ई. के बाढ़ के बाद बाग की दशा का वर्णन है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की उद्यान शाखा ने खुदाई में निकले अवशेषों के आधार पर इसे चारबाग प्रणाली पर आधारित एक विशिष्ट मुगल बाग के रूप में विकसित किया है। इस मुगल उद्यान में 40 से अधिक प्रजातियों के पौधे उगाए गये है। वृक्षों झाडि़यों तथा बेलो/घासों की प्रजातियाँ जैसे नीम, मौलसरी, शहतूत, अमरूद, जामुन, गुड़हल, नींबू, रन्तजोत, चाँदनी, लाल कनेर, पील कनेर, चंदन, लिली, अनार, अशोक आदि लगाए गए है। ताजमहल के चारों ओर प्रदूषण कम करने के लिए हरित क्षेत्र बनाने के लिए इस बाग को विकसित किया गया है।
प्रवेश शुल्क: भारत के नागरिक और सार्क (बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, पाकिस्तान, मालदीव और अफगानिस्तान) और बिम्सटेक देशों (बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, थाईलैंड और म्यांमार) के आगंतुकों के लिए -10 रु. प्रति आगंतुक
अन्य:
भारतीय रुपए. 100 / - प्रति व्यक्ति
(बच्चों के लिए 15 से ऊपर साल के लिए नि: शुल्क प्रवेश)